Reserve Bank of India took 79 enforcement actions against banks, Non-Banking Financial Companies in FY25: FACE Report. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में बैंकों और गैर–बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के खिलाफ 79 प्रवर्तन कार्रवाइयां (enforcement actions) की हैं। यह जानकारी फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (Finance Industry Development Council (FACE), एक RBI-मान्यता प्राप्त स्व–नियामक संगठन (self-regulatory organization (SRO) की रिपोर्ट में सामने आई है। इन कार्रवाइयों में कुल ₹33 करोड़ का मौद्रिक जुर्माना शामिल है, जो नियामक अनुपालन पर केंद्रीय बैंक की सख्त नीति को दर्शाता है। इनमें से 48 कार्रवाइयां NBFCs के खिलाफ, 30 बैंकों के खिलाफ और 1 क्रेडिट ब्यूरो के खिलाफ की गईं। कुल ₹33 करोड़ का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया। जहां बैंकों से जुड़े मामले केवल 38% थे, वहीं उन पर कुल जुर्माने का 82% हिस्सा लगाया गया।
FACE Report के प्रमुख निष्कर्ष
FACE report में निम्नलिखित प्रमुख बातें सामने आईं:
- 48 प्रवर्तन कार्रवाइयां NBFCs के खिलाफ की गईं, जबकि 30 कार्रवाइयां बैंकों के खिलाफ की गईं।
- 1 जुर्माना एक क्रेडिट ब्यूरो पर अनुपालन न करने के लिए लगाया गया।
- बैंकों के मामले केवल 38% होने के बावजूद, उन पर कुल जुर्माने का 82% (₹33 करोड़ में से ₹27 करोड़) लगाया गया।
- NBFCs के मामले 60% थे, लेकिन उन पर कुल जुर्माने का केवल 18% (₹6 करोड़) लगाया गया।

प्रमुख उल्लंघन और जुर्माने
रिपोर्ट में निम्नलिखित प्रमुख अनुपालन संबंधी कमियों की पहचान की गई:
- KYC (नो योर कस्टमर) मानदंडों का पालन न करना
- फेयर प्रैक्टिसेज कोड (FPC) का उल्लंघन
- कॉर्पोरेट गवर्नेंस में कमियां
- डिजिटल लेंडिंग दिशानिर्देशों का उल्लंघन
- गलत रिपोर्टिंग मानक
- अनुचित ब्याज दर प्रथाएं
- आउटसोर्सिंग संबंधी गड़बड़ियां
सबसे अधिक जुर्माना झेलने वाली संस्थाएं
1. जम्मू–कश्मीर बैंक– सबसे अधिक ₹3.31 करोड़ का जुर्मानानिम्नलिखित उल्लंघनों के लिए लगाया गया:
- BSBDA (बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट) मानदंडों का पालन न करना
- लाभार्थी स्वामित्व की पहचान में विफलता
- सरकारी सब्सिडी के खिलाफ वर्किंग कैपिटल लोन में अनियमितताएं
2. यूको बैंक– नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने पर ₹2 करोड़ का जुर्मानालगाया गया।
3. एक्सिस बैंक– RBI दिशानिर्देशों का पालन न करने पर ₹1.9 करोड़ का जुर्मानालगाया गया।
FACE Report से बाहर रखी गई संस्थाएं
FACE विश्लेषण में निम्नलिखित को शामिल नहीं किया गया:
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs)
- सहकारी बैंक
RBI प्रवर्तन कार्रवाइयां क्यों बढ़ा रहा है?
RBI की सख्त नियामक कार्रवाइयां निम्नलिखित उद्देश्यों को दर्शाती हैं:
- वित्तीय अनुशासन को मजबूत करना
- ग्राहक हितों की सुरक्षा करना
- डिजिटल लेंडिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करना
- मनी लॉन्ड्रिंग के जोखिमों को रोकना
FY25 में RBI की प्रवर्तन कार्रवाइयां (enforcement actions) नियामक उल्लंघनों के प्रति उसकी जीरो–टॉलरेंस नीति को दर्शाती हैं। NBFCs की तुलना में बैंकों पर भारी जुर्माने के साथ, वित्तीय संस्थानों को RBI मानदंडों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि दंडात्मक कार्रवाइयों से बचा जा सके।